तेरा भवन है रंग रंगीला मैं तो आऊँगी
तेरे नाम की हो रही लीला मैं तो आऊँगी
बिगड़ी बनाये भाग्य जगाये मैं तो आऊँगी
द्वारे से तेरे गुरूजी मांगी मुरादें पायें
भक्त प्यारे दीवाने नाम को तेरे गाएँ
भजन सुनाते तुमको हैं ध्याते मैं तो आऊँगी
नाम तेरे की महिमा कितनी गुरूजी निराली
कभी लौटाया न दर से जो भी आया सवाली
गन तेरे गाएँ खुशियाँ मनाएँ मैं तो आऊँगी
तेरे भवन में गुरूजी कितने मेले लगते
अष्टमी के दिन गुरूजी सबकी झोली भरते
माँ की सवारी लगती है प्यारी मैं तो आऊँगी
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें