नाम जैसा रंग बन्दया और कोई भी रंग कोई ना
रुत बड़ी मस्तानी है
कृपा जो तेरी हुई बदली जिंदगानी है
चम्पे दा फूल होवे
गुरूजी तुम्हारे नूर का हरसू सुरूर होवे
चढ़ी कैसी खुमारी ऐ
तेरे ही नाम की उतरे ना खुमारी ऐ
कभी फेरा लगाया करो
नैनों की प्यास गुरूजी दर्शन देके मिटाया करो
तेरी अमृत बाणी ऐ
गुरूजी तेरी कृपा से मिटी दुःख की कहानी ऐ
रहमत का साया है
गुरूजी तेरे दर से मैंने हर सुख पाया है
@मीना गुलियानी
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