बीती भजन बिन तेरी जिंदगानी
होने को आई खत्म कहानी
वचन गर्भ में किया उसे भूल गया वादा तोड़ दिया
बहुत करर्ली तूने ये मनमानी -----------------------
पैसे पे गुमान किया नुक्सान किया अभिमान किया
अब न चलेगी चाल पुरानी ---------------------------------
रिश्तों से प्यार किया एतबार किया अहंकार किया
बिसर गई सब प्रीत पुरानी ----------------------------------
विषयों ने दास किया मोह ने घेर लिया मजबूर किया
कैसी हठ थी ये अनजानी ----------------------------------
जीवन बेकार किया न भजन किया न सुधार किया
अब टपकाये आँख से पानी ---------------------------------
डोली में सवार किया, नाता तोड़ लिया मुख मोड़ लिया
जिंदगी की यही रीत पुरानी ------------------------------
@मीना गुलियानी
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