कोई दूर से द्वारे आये कोई जग से हैं ठुकराए
मिलती सबको शीतल छाँव------------------
कोई आता जो दुखियारा मिलता उसको यहाँ सहारा
जपता नाम सुबह और शाम -------------------------
कोई आता है बनके सवाली भर देते हैं झोली खाली
चिंता करते उसकी तमाम ---------------------------
@मीना गुलियानी
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