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सोमवार, 28 सितंबर 2020

तर्ज़ --ओ फिरकी वाली तू कल फिर आना

 मेरे गुरूजी दर्श दिखलाना तू जल्दी आना 

प्यारा तेरा नाम रे तेरी राह निहारुँ सुबह शाम रे 


हर पल तेरी गुरूजी राह निहारुँ दिल को मेरे न तरसाओ 

बदल भी दो मेरी किस्मत की रेखा सोया भाग्य जगा जाओ 

गुरूजी आओ दर्श दिखाना छोडो तुम तरसाना ----------


तेरी याद में नैन बावरे हर पल रोते रहते हैं 

दर्शन के बिन व्याकुल नैना हर पल भीगे होते हैं 

गुरूजी तेरे दर्शन चाहूँ और न कुछ भी मांगू 

मेरी किस्मत को आप चमकाना दर्श दिखलाना 

निराली तेरी शान रे बड़ा प्यारा लगे मुझे तेरा धाम रे -----

@मीना गुलियानी 

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