बन्दे न भूल प्रभु संसार से जाना है ---------
तू छोड़ दे सब बंधन न पल का ठिकाना है
यहाँ मात पिता भाई मतलब के साथी हैं
जब स्वार्थ निकल जाए तेरे संघाती हैं
ये दुनिया दो दिन की जो मुसाफिरखाना है -------
यहाँ रावण से योद्धा आये और चलते गए
कई वीर सिकंदर से हाथों को मलते गए
रह गया यहीं उनका सब माल खज़ाना है ----------------
धन दौलत और माया न संग में जायेगी
दुनिया की हर वस्तु यही पे रह जायेगी
माटी से तू आया माटी में समाना है -------------
सुन अंत समय तेरे कुछ भी न जाएगा
भज ले हरि को प्राणी नहीं फिर पछतायेगा
सब छोड़के तू बन जा प्रभु का दीवाना है ------------
@मीना गुलियानी
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