आओ मेरे गुरूजी महाराज तुझे तेरे भक्त बुलाते हैं
आके विनती ज़रा सुनलो तेरा ही ध्यान लगाते हैं
माया लोभ ने लूटा हमें तृष्णा ने बड़ा सताया
दुनिया की मोहमाया में गुरूजी नाम न तेरा ध्याया
अब जीवन न जाए बीत ------------------------------
गम से भरी इस दुनिया में गुरूजी कोई न मेरा सहारा
हर पल तेरी ही राह देखूँ सूझे न कोई किनारा
मेरे पाँव पड़ी जंजीर ---------------------------------
लागी लगन हुई मैं तो मगन गुरूजी तुम हमें अपनाना
दुनिया के रिश्ते झूठे हैं सारे तुम हमको न ठुकराना
आये शरण निभाना प्रीत -----------------------------
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें