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मंगलवार, 8 सितंबर 2020

,नाथ करना कृपा लगाओ न देरी(तर्ज --कीर्तन)

 गुरूा  जी विनती सुनते हो हर पल मेरी ,नाथ करना कृपा लगाओ न देरी


हर पल राहें भूलकर हम भटक गए ,

हमको दिखाओ  रास्ता हैं अटक गए 

पार लगाओ नाव को न करना देरी -------------------------------------


जन्म मरण के फंदे से हमें दूर करो 

दिल की यही पुकार आके कष्ट हरो 

तुम्हीं हो दीनानाथ विनती सुन मेरी --------------------------------------


तेरे सिवा   मेरा दुनिया में कोई और नहीं 

तेरा ही सहारा मुझे मेरी और  ठोर नहीं 

होना सहाई आप मैं तो शरण में तेरी ---------------------------------------

@मीना गुलियानी 

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