मैं तो गुरूजी तेरी शरण आया ,डालो तुम अपनी मेहर का साया
होगा कल्याण जिसने शीश नवाया ,सब कुछ है वरदान में पाया
तेरे धाम की शोभा कितनी निराली
आये जो सवाली कभी जाए न खाली
मैं भी आज तेरी शरण में हूँ आया ---------------------------------
सुनते हो पुकार सबकी जो भी पुकारे
तेरी शरण हम आए दे दो सहारे
अपनी इच्छा पूरी करने हूँ आया ------------------------------------
कितनी बार पुकारा तुम नहीं आये
सोचके मेरा मन घबराये
तेरे काबिल बनने हूँ आया
@मीना गुलियानी
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