आओ गुरूजी आस तेरी है कबसे इकरार है
भक्त खड़े हैं राह में तेरी नैनों को बिछाए हैं
पल पल देखें रास्ता तेरा पलकों को बिछायें हैं
आशा पूर्ण करते हो तुम बोलो कब तुम आओगे
प्यासे नैना दर्शन के बिन कितना और तरसाओगे
गुरूजी तेरे दर्शन खातिर बैठी दुनिया सारी है
तेरी राहें देख रहे हैं कितना संकट भारी है
करी न कोई नेक कमाई खोटे धंधे खूब किये
तेरे दर पे आये हैं हम तुझसे कितनी आस लिए
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें