आई गुरूजी मैं दर पर तेरे करो पूर्ण मनोरथ मेरे
काटो माया के बंधन मेरे नित रहें मेरा रास्ता घेरे
मैं तो गुरु जी हूँ अज्ञानी तुम हो दयालु दाता
छोड़ के जग की हर ममता जोड़ा तुम संग नाता
मैंने पकड़े चरण आज तेरे ------करो -----------
दिल में बसाई मूरत तेरी सुनते हो बिनती दाता
तुमसा दयालु कोई नहीं ये संसार बताता
मैंने डाले तेरे दर पर डेरे ------करो ---------------
नाम तेरे रटती ही रहूँ इतनी कृपा बरसाना
दिल में हमेशा समाये रहो भव से पार लगाना
तेरे धाम में लगा लूँ डेरे -------करो --------------
@मीना गुलियानी
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