गुरूजी तेरे दर पे मैं तो आ गया
हाले दिल तुमको सुनाने आ गया
दुनिया ने लाखों सितम मुझ पर किये
दिल का दुखड़ा मैं बताने आ गया
सोचता था दास्ताँ तुझसे कहूँ
लगता है अब तो ठिकाने आ गया
सर पे मेरे अवगुणों की पोटली
सर झुकाके तेरे दर मैं आ गया
तेरी महिमा जबसे मैंने भी सुनी
तकदीर अपनी मैं जगाने आ गया
@मीना गुलियानी
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