हो गई है प्रभात अब मत देर करो
ढल गई रैना आये न चैना
राह निहारी बड़ी देर से
दर्शन व्याकुल भये मोरे नैना
आओगे कब खड़ी देर से
कर जोड़ खड़ी तेरे द्वार ---------
दर्श की प्यासी अखियाँ मोरी
छम छम निशदिन बरसें
आओ गुरूजी मोरे अंगना
राह निहारूं मैं कबसे
आ जाओ मैं जाऊँ बलिहार --------
@मीना गुलियानी
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