छोड़के जग को है इक दिन जाना
भूल न जाना बंदे भूल न जाना
ये तो है इक रैन बसेरा किसका रहा है सदा बसेरा
हुआ सवेरा अब उड़के है जाना --------------------
ये तन है मिट्टी का खिलौना माटी से हुआ पैदा माटी में मिलना
मोहमाया में तू मत भरमाना ------------------------------------
झूठी हे ये दुनिया सारी स्वार्थ की प्रीती सारी
फंस गया तो फिर पड़े पछताना -------------------------------
भज गुरूजी का नाम हे बंदे जीवन को तू सुधार ले बंदे
चौरासी के फंदे में न आना ----------------------------------
भवसागर में मेरी नैया पार उतारो मोरे खिवैया
गुरूजी मुझे तुम पार लगाना --------------------------------
@मीना गुलियानी
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