चरणों से लगा ले कि और मेरा कोई नहीं
दुनिया के रास्ते की धूल हूँ गुरूजी
कैसे आऊँ तुझ तक है ये तेरी मर्जी
धूल में न मिल जाऊँ तू मुझको बचाले
तेरे दर पे आके मैंने दामन पसारा
क्या होगा मेरा ये कुछ भी न विचारा
सोई तकदीर मेरी उसको जगा दे
फरियाद कैसे करूं आती शर्म है
मेरे हाथों से हुए उल्टे कर्म हैं
बक्श दो गुरूजी मुझे पास बिठाले
@मीना गुलियानी
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