तेरे दर्शन को तरसें नयन हमे दर्शन दिखाना पड़ेगा
तेरी कृपा को न भूलें हम हमें रास्ता दिखाना पड़ेगा
मेरी नैया तो मँझधार है ,तेरे हाथ मेरी लाज है
डगमग डोले ये नैया भँवर मेँ पतवार चलाना पड़ेगा
मेरे नैना बरसते हैं , भक्त दर्शन को तरसते हैं
राम बनकर मेरे ओ गुरुवर झूठे बेर भी खाना पड़ेगा
गुरूजी हम तो नादान हैं , देखो तेरी ही संतान हैं
हर भूल को माफ़ करके अपनी शरण में लेना पड़ेगा
@मीणा गुलियानी
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