आत्मनिवेदन
अपने विषय में क्या लिखूँ बस यही कहूँगी कि मध्यम वर्गीय परिवार में जीवन -यापन हुआ मेरी माता जी एवं पिता जी ने हम तीन बहिनो व् एक भाई के लालन - पालन के लिए संघर्षमय जीवन जिया। माता जी का मेरे ऊपर बहुत प्रभाव पड़ा।
उन्होंने हँसते हँसते जीवन की कठिनाइयों को सहा एवं दुर्गा माँ की अपार कृपा से सब सम्भव हो पाया। मैने सचिवालय पद्धति व्यवसाय में प्रशिक्षण लिया तथा हिन्दी साहित्य में एम ए किया। माँ की कृपा से 1971 से 2009 तक सरकारी सेवाकाल में समय देखते देखते ही व्यतीत हो गया पता भी नहीँ चला। लिखने की प्रेरणा मुझे मेरी माता जी से ही मिली, उन्ही को समर्पित है।