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सोमवार, 8 जून 2015

माता की भेंट - 136



हरे भरे माँ पर्वत तेरे हरी भरी हर डाल ,  दूर दूर से भक्त है आते दर्शन को हर साल 

जिस जिसको माँ तूने बुलाया , उनकी लगी कतारे
तेरे द्वार पे तेरे भक्तजन , तेरा नाम पुकारे 
जिनकी किस्मत नही खुली , वो तेरी बाट निहारे 
जिस पे कृपा हो जाये तेरी , आये यहाँ हर साल 

अजब तेरे दर का है नज़ारा , अजब बड़े है भक्त तेरे 
तेरे नाम के जयकारे से , हो जाते है मस्त बड़े 
तेरे नाम की महिमा गाये , आते जाते भक्त तेरे 
यहाँ वहाँ पर जहाँ भी देखो ,  तेरे लाल ही लाल 

माता तेरे दर से कोई ,  खाली हाथ न जाये 
राजा हो या रंक मैया जी, सबकी आस पुजाये 
तेरे नाम की शक्ति सारे ,  मन के भेद मिटाये 
आज मैया जी दर्शन देके ,  करदो हमे निहाल 

 

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