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सोमवार, 1 जून 2015

माता की भेंट - 57


नाम तेरा मै लूँगा , गान तेरा करूंगा 
रात दिन हे भवानी , ध्यान तेरा करूंगा 

ऐसा दरबार तेरा , हरले सबका अँधेरा 
जो तेरा नाम ले ले , उसका हो पार बेडा 
तेरे दर पे रहूंगा , तेरे दर पे मरूँगा 

 तूने दुष्टो को मारा , तूने भक्तो को तारा 
फिर बता माँ तूने ,  क्यों है मुझको बिसारा 
मै भी हूँ दास तेरा , तेरे पग में रहूंगा 

बुझ न जाये ये दीपक ,  मै हृदय जीत लाया 
तेरा सेवक बनने की , ये आशा लेकर आया 
लाज रखनी पड़ेगी , तेरा सेवक रहूंगा 

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