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सोमवार, 8 जून 2015

माता की भेंट - 141



दिल करदा ऐ माता , तेरे द्वार ते आवा मै 
तेरी जोत जगा के माँ , तेरा दर्शन पावां मै 

जग वाल्या तो माता , मै मुँह नू मोड़ लया 
महिमा सुण तेरी माँ , सब नाता तोड़ लया 
हुन कोई नही दिल दा , माँ किसनू सुनावा मै 
तेरे हुन्दया माँ मेरी दस कित्थे जावा मै 

आज बक्शो माँ मैनू , तैनू शीश झुकावा मै 
आ जाओ इक वारी , पया तरले पावा मै 
माँ कीते कर्म जेह्ड़े , ओहना तो पछतावा मै 
तेरे हुन्दया  मेरी , किसे दर क्यों जावा मै 

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