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मंगलवार, 2 जून 2015

माता की भेंट - 65



मेरी मात अम्बे तेरी जय जयकार  है जय जयकार है 
आज भी है और हरदम रहेगी 


तुम पाप नाशनी हो मिटादो पाप मेरे मैया 
मै दास तुम्हारा हूँ , मिटादो शाप मेरे मैया 
तेरे नाम गुण की महिमा अपार है आज भी है और हरदम रहेगी 


तुम दया की जननी हो , दयानिधि दे मुझको माता 
मै निर्बल दीन अनाथ , शरण में ले मुझको माता 
भक्तो की नैया मैया तेरे ही आधार है आज भी है और हरदम रहेगी 

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