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गुरुवार, 4 जून 2015

माता की भेंट - 94



मैनु वि द्वारे तू बुलावी शेरा वालिये , भुला सब मेरिया भुलावी शेरा वालिये 

जीवें पुतर आवे घर खटके ते शाम नू 
जिस तरह कौशल्या उडीकदी सी राम नू 
मेरिया उडीका तू लगावी शेरा वालिये 

मावा दे विछोड़े कदी सहे नही जावदे 
तेरे लाल दर्शना नू हर साल आवन्दे 
दिल दा तू दुखड़ा मिटावी  शेरा वालिये 

जदो वि नुराते तेरे हर साल आवदे 
सदरा ते चावा नाल दर्शना नू आवदे 
गल नाल अपने लगावी शेरा वालिये 

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