मेरी भेंट करो स्वीकार, तुम्हारे अर्पण है
मै लाया आंसू चार , तुम्हारे अर्पण है
मै एक अभागा प्राणी हूँ द्वार तुम्हारे आया ,
तुम्हे दया की देवी सुनकर हूँ द्वार तुम्हारे आया
मेरे पास है फूलो के हार तुम्हारे अर्पण है
तू सिंह वाहिनी मैया , तू ही चामुण्डा काली
सुन करके विनती तुमने , भक्तो की विपदा टाली
मेरे हृदय की सुनो पुकार तुम्हारे अर्पण है
तुम कष्ट मिटादो मेरे , मै गीत तुम्हारे गाऊं
हे रत्न सिहासन वाली , तेरे नाम की जोत जगाऊँ
मेरे बिगड़े काम संवार तुम्हारे अर्पण है
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