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रविवार, 7 जून 2015

माता की भेंट - 121



मैया जी विनती करती हूँ , रहे ध्यान तुम्हारे चरणो में 
मेरी माँ तुम्हारे चरणो में  रहे ध्यान तुम्हारे चरणो में 

जुगनू सा बनके उजाला करूँ , तेरी जोत का माँ परवाना बनूं 
 तेरे चरणो का अमृत पीती रहूँ  रहे ध्यान तुम्हारे चरणो में 

तेरी कृपा से हर काम बने ,  दिल में तेरा स्थान बने 
चाहे वैरी कुल संसार बने  रहे ध्यान तुम्हारे चरणो में 

मेरे दिल में तेरा बसेरा हो,   दिल कभी न डगमग मेरा हो 
मुझे एक भरोसा तेरा हो  रहे ध्यान तुम्हारे चरणो में 

मुझे तेरी ही इक आस रहे ,  तू हरदम मेरे पास रहे 
तेरे दर्श  की माता प्यास रहे , रहे ध्यान तुम्हारे चरणो में 


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