तर्ज ----रमैया वस्तावैया
नाम जब तेरा लिया , ध्यान जब तेरा किया , तूने दुःख दूर किया
जग ने तो माँ ठुकराया मुझे , तूने ही तो माँ अपनाया मुझे
दुनिया ने तो भरमाया मुझे , तूने ही तो माँ सबसे छुड़ाया मुझे
दिल तुझे याद करे ,माँ फरियाद करे, तूने दुःख दूर किया
मोह के जाल में , फंसके जंजाल में , घबराके माता पुकारा तुझे
दिल मेरा माता पुकारे तुझे , तेरे बिनं कौन पार लगाये मुझे
जाना न दूर कही , छोड़के मुझको कहीं , तूने दुःख दूर किया
तेरी कृपा का सहारा मिला , डूबती नैया को किनारा मिला
तुझसे दया की जो भीख मिली , माँ अंधे को जैसे तारा मिला
कैसे मै दूर रहू, क्यों मै गम को सहू , तूने दुःख दूर किया
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