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मंगलवार, 2 जून 2015

माता की भेंट - 64



तेरे चरणो से मैया लगन लग गई , मेरी नैया किनारे लगा दे तू माँ 
नाम तेरा लिया किश्तियाँ तर गई , मेरी नैया पार लगा दे तू माँ 

सारे जग की है मैया माता तू ही , दींन  दुखियो की भाग्यविधाता तू ही ;
जिसके घर में कभी चाँद चमका नही, उसके घर सुख के सागर की दाता तू ही 
तेरे दीदार से विपदायें टल गई 

मेरी आशा का दीपक जला दे तू माँ , मेरे सपनो के मोती सज़ा दे ऐ माँ 
जिंदगी भर न भूलूँ तेरा नाम मै , ऐसा सेवक मुझे तू बनादे ऐ माँ 
तेरी ज्योति अँधेरा सारा हर गई 

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