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मंगलवार, 2 जून 2015

माता की भेंट - 68



आया भक्त द्वारे मैया तेरे , करो पूर्ण मनोरथ मेरे 
तेरे चरणो में लगा  के मैया डेरे ,  चाहता पूजना हूँ शाम सवेरे 

जगमग जगमग  जग  रही है , सुन्दर जोत तुम्हारी 
शेर सवारी तेरी मैया ,  लग रही प्यारी प्यारी 
ओ तेरे सुन्दर भवन उचेरे 

जीवन सफल बनादो मेरा , यह चाहना है मन की 
नाम साबुन मुझे बक्शो माँ , मैल धुले तन मन की 
ओ मेरे काट दो चौरासी वाले फेरे 

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