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बुधवार, 3 जून 2015

माता की भेंट - 85



आ जा माँ मेरे नैन दीवाने तेरी,  राह निहारे बड़ी देर से 

आजा मेरी मैया तुझे है पुकारा ,
तेरे बिन जहाँ में है कौन हमारा 
देखले आके हाल तू मेरा , राह निहारे बड़ी देर से 

माँ गम के भंवर में डूबी मेरी नैया 
माँ पार लगाओ तू ही है खिवैया 
देर न करना मेरी मैया , राह निहारे बड़ी देर से 

तूने हर दुखी को माँ धीर बंधाया 
बता तूने माता मुझे क्यों बिसराया 
मै हूँ तेरे दर का भिखारी , राह निहारे बड़ी देर से 

तुझे ही तो मैया अपना मैने माना 
हूँ सारे जहाँ से माता मै बेगाना 
,मै तो मैया शरण तिहारी , राह निहारे बड़ी देर से 

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