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शुक्रवार, 5 जून 2015

,माता की भेंट - 112



जबसे मैया के दर्शन पाये , मनवा झूम झूम गाये 

दर्शन माता दे असा ने जाना , उसदे चरना ते शीश नवाणा 
दर्शन देके नही भुलाये , मनवा झूम झूम गाये 

अंदर गुफा दे जोटा जगदिया , उसदे भवन ते संगता जादिया 
भगत तेरा भेंटा गाये , मनवा झूम झूम गाये 

ऊँचे ऊँचे मंदिर पहाड़ ते  ,संता डेरा लाया है आन के 
मुखों जय जय बुलाये , मनवा झूम झूम गाये 

आसा कर पूरिया दासी दी ,  ,श्रद्धा से भेंट चढ़ाऊँगी 
हर साल माँ जो बुलाये , मनवा झूम झूम गाये 

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