तेरे द्वार कैसे आऊँ मैया ज़रा बता दे
मंझधार में फंसी हूँ तू ही रास्ता बता दे
घेरे हुए है मुझको रंगीन वासनाएं
मन का नही भरोसा पल पल पे जो दगा दे
मुझमे वो बल कहाँ है जो यहाँ तुझे बुला लू
निर्बल को दे सहारा , भव पार तू लगा दे
लाखो उबर गए है , तेरे नाम के सहारे
सौलह भुजाओ वाली , मुझको भी आसरा दे
कैसे सुनाऊँ तुमको, अपनी करुंण कहानी
शायद ये मेरे आंसू , सब दास्ता बता दे
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