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शनिवार, 6 जून 2015

,माता की भेंट - 114


दे दर्शन अखियां तरसन ,  दे दर्शन अखियां तरसन  लाटा वालिये  माइये 
माइये कि भुल चुक माफ़ करी तेरे  आइये 

सुआ चोला अंग विराजे , चोळया वालिये माइये 

बगे शेर दी सवारी  तेरी ,शेरा वालिये माइये 

 कटड़े विच डेरा लाया ,  तेरे भगता ने माइये 

जदो आदक्वारी आये , भगत आनंद हो गए माइये 

हाथी मत्थे दी चढ़ाई बड़ी ओखी , शक्ति तू देवीं माइये

भैरो गजदा  द्वारे तेरे कि बम बम  शब्द पड़े माइये 

पंजा पांडवा ने भवन बनाया , चुन चुन कंकरिया माइये 

मै रोज़ रोज़ पई आवा कि खर्ची तू देवी माइये 

तेरे आइये ते शीश नवाइये ,  तेरे  आइये दर्शन पाइए  
माइये कि भुल चुक माफ़ करी तेरे आइये 





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