तर्ज ---ये वादा करो
जमाना दिए जा रहा गम पे गम
सम्भालो ऐ माँ न निकल जाये दम
सताया गया हूँ मै संसार से , उठा लो मुझे माँ ज़रा प्यार से
बड़ा होगा मुझपे तुम्हारा कर्म
मेरी नाव है डूबती जा रही , किनारा कही भी नही पा रही
खत्म होने को है मेरा ये जन्म
मुसीबत में हूँ माँ मै लाचार हूँ , तुम्हारी दया का तलबगार हूँ
उठा तो मुझे गोद में कम से कम
मेरा दिल मैया आज घायल हुआ , नही रास आई कोई भी दवा
लगाओ मेरे जख्मो पे तुम मरहम
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