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शुक्रवार, 5 जून 2015

माता की भेंट - 108



तेरा मेरा साथ माँ पुराना है , नाता ये प्रेम का निभाना है 

तू मेरी माँ जगत की जननी है 
तेरे चरणो में ही ठिकाना है 

तूने लाखो को भव से तारा है 
खड़ा तेरे दर पे इक दीवाना है 

मैया तेरा हमे सहारा है 
दिल तुझे भेंट में चढ़ाना है 

तेरी नज़रें खफा कभी न हो 
मुझको इनमे ही तो समाना है 

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