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सोमवार, 8 जून 2015

माता की भेंट - 131

तर्ज ---जीवन मे पिया 

मैया तेरे सदा हम दास रहे , चरणो में तेरे दिन रात रहें 

मैया तेरा रूप अनोखा है , ये सारी दुनिया इक धोखा है 
तेरे रूप की महिमा निराली है , मेटे जन्म जन्म का लेखा है 
मेरे मन में दर्श की प्यास रहे 

जबसे तेरी कृपा हुई मुझ पर, मैया सुध बुध मेरी गई है बिसर 
तेरे चरणो से लागे लगन मेरी, रखना तू हाथ मेरे सिर पर 
तेरी ममता की बरसात रहे 

मैया तेरी आँखों से छलका है , उस अमृत का पी लू प्याला 
करूँ अमर मैया अपना जीवन , मेरे मन में हो जाये उजियाला 
वरदान तेरा मेरे साथ रहे 

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