शेरा वाली तो बलिहारी जावा जगदम्बे तो वारी
ऊँचे पर्वत वाली मैया तैनू पूजे दुनिया सारी
अकबर नू हंकार हो गया , तवे लोहे दे जड़ाये
फिर वि जोत रही तेरी जगदी अकबर है पछताए
नगी पेरी आन पुजारी है सी भुल बक्शाई सारी
फतह युद्ध विच पाके माता पाण्डवा मंदिर बनाया
दुनिया सारी भगत है तेरी दर आके सुख पाया
मै भी दर ते खड़ा भिखारी ,आस पुजा दे दातारी
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