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रविवार, 7 जून 2015

माता की भेंट - 125


आजा  मेरी मैया आ,  सारे जग की खिवैया आ 
आजा तुझे पुकारूं  माँ,  तेरी बाट निहारू माँ 
मै पुकारूँ , तू आ जा 

सुन ले माँ जग की तू दाती , मेरी नाव की तू है खिवैया 
देखले आकर डोल  रही माँ,  डगमग डगमग नैया 
तू देख ज़रा 

तेरे चरणो की धूलि पा जाऊँ , जो मै भी माता 
मेरे भाग्य का भी खुल जाये, अब तो मैया इक खाता 
माँ सुनले ज़रा 

चरणो  में तेरे माता चले , गंगा की पावन धारा
तेरे दर पे माता बोले , मिलके सब जयकारा 
मैया देख ज़रा  

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