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गुरुवार, 2 जून 2016

भजनमाला ----25

प्रेमी बनकर प्रेममय ईशवर के गुण गाया कर 
मन मंदिर में गाफिला झाडू रोज लगाया कर 

सोने में तो रात गुज़ारी दिन भर करता पाप रहा 
इसी तरह बरबाद तू बन्दे करता अपने आप रहा 
प्रांत: समय उठ ध्यान से सतसंग में तू जाया कर 

न्र तन के चोगे का पाना बच्चों का कोई खेल नहीं 
जन्म जन्म के शुभ कर्मो का होता जब तक मेल नहीं 
न्र तन पाने के लिए उत्तम कर्म कमाया कर 

दुखिया पास तेरे है कोई तूने मौज उड़ाई क्या 
भूखा प्यास पड़ा पड़ौसी तूने रोटी खाई क्या 
सबसे पहले पूछकर भोजन को तू खाया कर 
@मीना गुलियानी 

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