चरण में आपके गुरुवर अटल श्रद्धा रहे मेरी
शरण में ही रहूँ निशदिन अटल श्रद्धा रहे मेरी
न इच्छा भोग की हो रोग कुछ व्यापे नहीं तन में
बने सद्योग का साधन अटल श्रद्धा रहे मेरी
अहिंसक भाव हों मन में न हो प्रतिकार की इच्छा
सदा सत्सग ही भावे अटल श्रद्धा रहे मेरी
न हो अभिमान धन जन बुद्धि विद्या का कभी पैदा
मिलेगा धाम ईश्वर का अटल श्रद्धा रहे मेरी
@मीना गुलियानी
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