छोड़के जग को है इक दिन जाना
भूल न जाना बन्दे भूल न जाना
ये तो है इक रैन बसेरा किसका रहा है सदा बसेरा
हुआ सवेरा अब उड़के है जाना
ये तन है मिट्टी का खिलौना माटी से हुआ पैदा माटी में मिलना
मोहमाया में तू मत भरमाना
झूठी है ये दुनिया सारी है स्वार्थ की प्रीती सारी
फंस गया तो फिर पड़े पछताना
भज प्रभु का तू नाम हे बन्दे जीवन को तू सुधार ले बन्दे
चौरासी के फंदे में न आना
भवसागर में मेरी नैया पार उतारो मोरे खिवैया
प्रभु जी मुझे तुम पार लगाना
@मीना गुलियानी
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