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गुरुवार, 30 जून 2016

तेरी रंग भरी ओढ़नी

 पिया मैने ओढली तेरी रंग भरी ओढ़नी 

तूने प्यार से दीन्हि मुझको 
रंग भी सारे दे दिए मुझको 
भीग गई तेरे रंग में ,भीगी ये ओढ़नी 

पिया न  फीका पड़े अब रंग 
ऐसो रंगो न होवे बदरंग 
कसके चास लगाओ ,फीकी न होवे ओढ़नी 

कितने जतन से ओढूँ इसको 
प्रेम से कितने सहेजूँ इसको 
बार बार मुस्काऊँ पहनकर तेरी ये ओढ़नी 
@मीना गुलियानी 

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