पिया मैने ओढली तेरी रंग भरी ओढ़नी
तूने प्यार से दीन्हि मुझको
रंग भी सारे दे दिए मुझको
भीग गई तेरे रंग में ,भीगी ये ओढ़नी
पिया न फीका पड़े अब रंग
ऐसो रंगो न होवे बदरंग
कसके चास लगाओ ,फीकी न होवे ओढ़नी
कितने जतन से ओढूँ इसको
प्रेम से कितने सहेजूँ इसको
बार बार मुस्काऊँ पहनकर तेरी ये ओढ़नी
@मीना गुलियानी
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