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बुधवार, 29 जून 2016

तुम्हीं मीत मेरे

तुम्ही देवता हो तुम्हीं मीत मेरे
तुम्हीं प्राण वीणा के संगीत मेरे

तुम्हीं मन के मंदिर में दीपक सलोने
मधुर ज्योति में हँस रहे चारों कोने
हर इक साँस आती है दीपक संजोने
तुम्हीं हो अँधेरे क्षणों के सवेरे

व्यथा भार मन प्राण कब तक सहेंगे
नयन आज तुमसे हृदय की कहेंगे
सदा रैन दिन तेरे निकट रहेंगे
फूलों से कोमल है गीत मेरे
@मीना गुलियानी

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