तुम्ही देवता हो तुम्हीं मीत मेरे
तुम्हीं प्राण वीणा के संगीत मेरे
तुम्हीं मन के मंदिर में दीपक सलोने
मधुर ज्योति में हँस रहे चारों कोने
हर इक साँस आती है दीपक संजोने
तुम्हीं हो अँधेरे क्षणों के सवेरे
व्यथा भार मन प्राण कब तक सहेंगे
नयन आज तुमसे हृदय की कहेंगे
सदा रैन दिन तेरे निकट रहेंगे
फूलों से कोमल है गीत मेरे
@मीना गुलियानी
तुम्हीं प्राण वीणा के संगीत मेरे
तुम्हीं मन के मंदिर में दीपक सलोने
मधुर ज्योति में हँस रहे चारों कोने
हर इक साँस आती है दीपक संजोने
तुम्हीं हो अँधेरे क्षणों के सवेरे
व्यथा भार मन प्राण कब तक सहेंगे
नयन आज तुमसे हृदय की कहेंगे
सदा रैन दिन तेरे निकट रहेंगे
फूलों से कोमल है गीत मेरे
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें