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रविवार, 12 जून 2016

मेरा ख्वाब तू

मैने कभी सोचा था कि 
सच में न सही झूठ ही सही 
यथार्थ में नहीं तो ख्वाब में ही 
मै अवश्य तुम्हें पा लूँगा 
तुझे मै अपना बना लूँगा 
ऐ जिंदगी तू सच निकली 
जिंदगी ख़्वाब थी,ख़्वाब रही 
ख्वाब और सच के बीच में 
मै अपने तसव्वुर के पुल बांधूंगा 
तू न सही तेरा अक्स ही सही 
अपनी यादों में कहीं तुझे पा लूँगा
@मीना गुलियानी 

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