मैने कभी सोचा था कि
सच में न सही झूठ ही सही
यथार्थ में नहीं तो ख्वाब में ही
मै अवश्य तुम्हें पा लूँगा
तुझे मै अपना बना लूँगा
ऐ जिंदगी तू सच निकली
जिंदगी ख़्वाब थी,ख़्वाब रही
ख्वाब और सच के बीच में
मै अपने तसव्वुर के पुल बांधूंगा
तू न सही तेरा अक्स ही सही
अपनी यादों में कहीं तुझे पा लूँगा
@मीना गुलियानी
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