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सोमवार, 6 जून 2016

भजनमाला ---31

रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया 
रघुकुल नंदन कब आओगे भीलनी की नगरिया 

मै शबरी इक भीलनी हूँ भजन भाव न जानू 
राम तेरे दर्शन के कारण बन में जीवन पालूँ 
चरणकमल से निर्मल करदो दासी की झोपड़िया 

रोज़ सवेरे वन में जाकर फल चुन चुन कर  लाऊँ मै 
अपने प्रभु के सन्मुख रखके प्रेम का भोग लगाऊँ मै 
मीठे मीठे बेरन की मै भर लाई छाबड़िया 

श्याम सलोनी मोहनी मूरत नयनो बीच बसाउंगी 
पद पंकज की रज धर मस्तक जीवन सफल बनाऊँगी 
अब क्यों प्रभु जी भूल गए हो दासी की डगरिया 

नाथ तेरे दर्शन की प्यासी मै अबला इक नारी हूँ 
दर्शन बिन दो नैना तरसे सुनलो बहुत दुखारी हूँ 
रामरूप से दर्शन दे दो करदो मेहर नज़रिया 
@मीना गुलियानी 

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