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मंगलवार, 28 जून 2016

भजनमाला ----58

करो हरि नैया मेरी पार तुम बिन कौन बचावनहार

पाप प्रलोभन इंजन भगवन खींच करो मंझधार
मन केवट माया के मद में घेरा पञ्च मकार

ढीली पड़ी सुरत की डोरी स्वामिन तुम्हें बिसार
बार बार टकरत दुःसह दुःख टूट गयो पतवार

नाव पुरानी झांझरी हो गई क्षण में डूबंनहार
बल्ली हाथ गहो करुणाकर पार करो करतार
@मीना गुलियानी

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