आज फिर से तुम्हारी याद चुपके से चली आई है
मेरे मन की कली भी होले से फिर मुस्कुराई है
तुमने न आने की कसम कभी खाई थी
तब तुमने दिल तोड़ने की रस्म निभाई थी
तुम्हारी याद ने फिर बगिया मेरी महकाई है
दिल को सुकूँ मिलता है तुझे याद करके
उसे हौंसला मिलता है चाहत का रंग भरके
जाने न हम क्या होती ये रुसवाई है
तुम्हे कसम है मेरी दूर तुम जाया न करो
जाओ तो जल्दी ही लौट आया करो
वरना तमन्ना मेरी बिन खिले मुरझाई है
@मीना गुलियानी
मेरे मन की कली भी होले से फिर मुस्कुराई है
तुमने न आने की कसम कभी खाई थी
तब तुमने दिल तोड़ने की रस्म निभाई थी
तुम्हारी याद ने फिर बगिया मेरी महकाई है
दिल को सुकूँ मिलता है तुझे याद करके
उसे हौंसला मिलता है चाहत का रंग भरके
जाने न हम क्या होती ये रुसवाई है
तुम्हे कसम है मेरी दूर तुम जाया न करो
जाओ तो जल्दी ही लौट आया करो
वरना तमन्ना मेरी बिन खिले मुरझाई है
@मीना गुलियानी
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