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शनिवार, 4 जून 2016

भजनमाला ---28

नेकी के कर्म कमा जा रे , दुनिया से जाने वाले

यह तन  तेरा तरुवर है नेकी इक क्षीर सागर है 
इस तरुवर के फल खा जा रे 

यह धन यौवन संसारी है दो दिन की फुलवारी 
कोई खुश रंग फूल खिला जा रे 

तझसे धन अंत छूटेगा जाने किस राह लुटेगा 
इसे परहित हेत लगा जा रे 

जगसेवा है सुखदेवा कर  दीन  दुखी की सेवा 
यश पाना है तो पा जा रे 

यह कंचन काया तेरी हो अन्त राख की ढेरी 
इससे जो बने बना जा रे 
@मीना गुलियानी 

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