दिल से हम तुम्हें भुला न सके
साथ आँखों ने हमारा तो दिया
आंसुओं ने सहारा हमें दिया
दाग-ऐ -दिल फिर भी मिटा न सके
चाँद में देखी है तेरी सूरत
रात बन गई एक मुसीबत
गम के बादल हटा न सके
आहों ने तो भी आग लगाई
आरजुओं ने बिजली गिराई
हम जले दीप बुझा न सके
@मीना गुलियानी
साथ आँखों ने हमारा तो दिया
आंसुओं ने सहारा हमें दिया
दाग-ऐ -दिल फिर भी मिटा न सके
चाँद में देखी है तेरी सूरत
रात बन गई एक मुसीबत
गम के बादल हटा न सके
आहों ने तो भी आग लगाई
आरजुओं ने बिजली गिराई
हम जले दीप बुझा न सके
@मीना गुलियानी
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