मेरी यादों के सिलसिले कभी कम न होंगे
तुम्हें मेरी याद आएगी मगर हम न होंगे
गुलशन में बहारें आयेंगी मुस्कुराती रहेंगी
कोई गम न करना अगर हम न होंगे
फूल तो गुलशन में यूं ही खिलेंगे
बहारों के मौसम कभी कम न होंगे
जानता हूँ कि तुम भुला न पाओगी मुझे
कैसे कहदूँ कि मेरे न रहने से गम न होंगे
मेरी याद रह रहकर तड़पाएगी तुझको
जुदाई के सदमे कभी कम न होंगे
@मीना गुलियानी
तुम्हें मेरी याद आएगी मगर हम न होंगे
गुलशन में बहारें आयेंगी मुस्कुराती रहेंगी
कोई गम न करना अगर हम न होंगे
फूल तो गुलशन में यूं ही खिलेंगे
बहारों के मौसम कभी कम न होंगे
जानता हूँ कि तुम भुला न पाओगी मुझे
कैसे कहदूँ कि मेरे न रहने से गम न होंगे
मेरी याद रह रहकर तड़पाएगी तुझको
जुदाई के सदमे कभी कम न होंगे
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें