तुम्हारी याद फिर मुझे आने लगी है
हवाओं में मस्ती सी छाने लगी है
कैसा हँसी आज ये पल हो गया है
बेखुदी सी मुझपे अब छाने लगी है
सितारों से आगे जहाँ और भी है
बहारें ये संदेश लाने लगी है
तेरी नज़रों ने मुझको घायल किया है
सबा पैगाम लेके आने लगी है
उठाओ ये घूँघट ज़रा मुस्कुरा दो
नज़र तेरी बिजली गिराने लगी है
@मीना गुलियानी
हवाओं में मस्ती सी छाने लगी है
कैसा हँसी आज ये पल हो गया है
बेखुदी सी मुझपे अब छाने लगी है
सितारों से आगे जहाँ और भी है
बहारें ये संदेश लाने लगी है
तेरी नज़रों ने मुझको घायल किया है
सबा पैगाम लेके आने लगी है
उठाओ ये घूँघट ज़रा मुस्कुरा दो
नज़र तेरी बिजली गिराने लगी है
@मीना गुलियानी
अति सुन्दर प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएं