यह ब्लॉग खोजें

मंगलवार, 14 जून 2016

एक अहसास है

विश्वास है एक आस ,एक भरोसा है
एक किरण है और एक अहसास है
कुछ पाने का कुछ खोने का
क्षणिक भर छलना बनके रहने का
तेरा संग  पाने का, तेरा सहारा है
इसकी अनुभूति ऐसी है जैसे कि
पंछी को परों से
भक्त को ईशवर से
शिशु को माँ से
पत्ते को डाली से
शब्द को आवाज़ से
आवाज को संगीत से
संगीत को आराध्य से
यथार्थ को धरातल से
प्रेमी को निश्छल हृदय से होती है
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें